मैं योगेश जाधव (उच्च माध्यमिक शिक्षक, लेखक, कवि) अपने वेबपेज DNYAN SAGAR में आपका स्वागत करता हूं|

व्हेलेंटाईन डे क्यों मनाया जाता है? : Love story of valentines day

 

           व्हेलेंटाईन यह एक व्यक्ति का नाम है | व्हेलेंटाईन एक साधारण पादरी (संत) थे | यह एक कृपालु संत थे | यह कहानी है रोम तीसरी सदी की | यहाँ तीसरी सदी में रोम में एक अत्याचारी राजा हुआ करता था | जिसका नाम क्लोडियस था | जिसका मानना यह था की, अकेला सिपाही ही एक शादीशुदा सिपाही से बेहतर काम कर सकता है | क्योंकि शादीशुदा सिपाही को बस यही बात की चिंता लगी रहती है की उसके मर जाने के बाद उसके परिवार का क्या होगा ? इसलिए वह पूरा ध्यान युध्द में नहीं दे पाता है | और वह मन से युध्द नहीं करता है | इसलिए क्लोडियस राजाने उसके राज्य में ऐलान किया की आज से कोई भी राज्य का कोई भी सिपाही शादी नहीं करेगा | और जिसने उसके आदेश का पालन नहीं किया उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी | 

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       राजा के यह निर्णय से सभी सिपाही दुखी थे | सभी को यह फैसला गलत लगता था | परंतु राजा के डर से किसी ने भी इसका उल्लंघन करने का या तो विरोध करने का साहस नहीं किया | और ईस आज्ञा का पालन करने के लिए मजबूर हो गए | लेकिन रोम के संत व्हेलेंटाईन जी को यह नाइंसाफी बिलकुल भी पसंत नहीं थी | इसलिए उसने राजा से छुपकर युवा सिपाही की मदद करने का फैसला किया | और उसके शादी करवाने लगे | जो सिपाही अपने प्रेमिका से शादी करना चाहते थे वह संत व्हेलेंटाईन के पास जाते थे | इसतरह संत व्हेलेंटाईन ने बहुत से सिपाही की शादी करवा दी | लेकिन सच ज्यादा दिन तक नहीं छुप सकता |किसी न किसी दिन वः सामने आ ही जाता है | इसीतरह संत व्हेलेंटाईन की यह बात क्लोडियस राजा को पता चल गयी | व्हेलेंटाईन ने राजा के आदेश का पालन नहीं किया इसलिए राजाने व्हेलेंटाईन को सजा मौत का आदेश दिया | अब संत व्हेलेंटाईन जेल के अंदर थे और अपने मौत के तारीख का इंतजार कर रहे थे | एक दिन उसके पास एक जेलर आया | जिसका नाम एस्टिरिरस था | सुना था की संत व्हेलेंटाईन के पास ऐसी एक दिव्य शक्ति थी की जिसके उपयोग से वह लोगो को रोगमुक्त कर देते थे | उस जेलर को एक बेटी थी | वह संत व्हेलेंटाईन के पास आकर वह जेलर उसे कहता है की मुझे एक बेटी है और वह अंधी है | कृपया मेरी बेटी की रोशनी आप अपनी दिव्य शक्ति से लौटा दे | व्हेलेंटाईन एक बहुतही दिलदार इन्सान थे | वह सबकी मदद भी करते थे | इसलिए उसने जेलर की मदद की | और उसने प्राथना करके जेलर की बेटी की आँखों को ठीक कर दिया | उस दिन से जेलर की बेटी और संत व्हेलेंटाईन के बिच गहरी दोस्ती हो गयी थी | और यह दोस्ती कब प्यार में बदल गयी यह उसे भी पता नहीं चला | एस्टिरिरस के बेटी को पता चल गया था की व्हेलेंटाईन ज्यादा दिन के मेहमान नहीं है | उसे जल्दी ही फांसी दे दी जाएगी | और वे सोचसोचकर गहरी खाई में डूबी जा रही थी | आखिर वह दिन आ ही गे १४ फरवरी | उस दिन व्हेलेंटाईन को फांसी लगने वाली थी | अपने मौत से पहले व्हेलेंटाईन ने जेलर से एक कागद और पेन माँगा | और उस कागद में आखरी अलविदा सन्देश लिखा | और पेज के आखिरी में लिखा “तुम्हारा व्हेलेंटाईन” | व्हेलेंटाईन के ईस बलिदान को १४ को याद किया जाता है | पूरी दुनिया के प्यार करने वाले लोग ईस दिन संत व्हेलेंटाईन को याद करते है | और एक दुसरे को प्यार बाँटते है | एक दुसरे को फुल या चोकलेट देकर यह दिन मनाया जाता है | इसतरह व्हेलेंटाईन डे कोई बुरा दिन नहीं है बल्कि वह ईस दुनिया को प्यार से देखने का प्रतिक रूप माना जाता है |

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